मुंबई, 2 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन) बारिश का मौसम हमें कितना भी प्यारा क्यों न हो, मानसून में होने वाली त्वचा संबंधी समस्याओं को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। सिर में खुजली से लेकर तैलीय त्वचा तक इस मौसम में हमें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अगर आप भी त्वचा संबंधी परेशानियों से परेशान हैं तो इन टिप्स पर गौर करें और पाएं दमकती त्वचा, आएं बारिश हो या धूप।
प्रदूषण, गर्मी, नमी और यूवी किरणें त्वचा को कई तरह के नुकसान पहुंचाती हैं। डार्क स्पॉट्स, स्किन टैनिंग, पिगमेंटेशन और रूखापन जैसी समस्याएं आम हैं। मानसून में त्वचा को खास देखभाल की जरूरत होती है और अपनी त्वचा को हाइड्रेट रखना बहुत जरूरी है। ज्यादा मात्रा में मॉइश्चराइजर के इस्तेमाल से भी पसीने और पिंपल्स जैसी समस्या हो सकती है।
सनस्क्रीन का प्रयोग :
सनस्क्रीन त्वचा को हानिकारक यूवी किरणों से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करता है। कम से कम 30 एसपीएफ प्रोटेक्शन वाले सनस्क्रीन का इस्तेमाल त्वचा के लिए सबसे अच्छा माना गया है। सनस्क्रीन एंटी-एजिंग सॉल्यूशन के रूप में भी काम करता है।
Moisturize :
बरसात के मौसम में नमी के कारण पसीना अधिक आता है। नतीजतन लोग मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल कम करने लगते हैं। हालांकि मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल कम करने से त्वचा डिहाइड्रेट हो जाती है। बाजार में आसानी से मिलने वाले जैल बेस्ड मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल करें। इनके इस्तेमाल के बाद त्वचा हाइड्रेट हो जाएगी।
छूटना :
पसीना, प्रदूषण और मेकअप का ज्यादा इस्तेमाल त्वचा के रोमछिद्रों को ब्लॉक कर देता है। इससे पिंपल्स और एक्ने की समस्या हो जाती है। त्वचा को साफ करने के लिए हफ्ते में एक या दो बार एक्सफोलिएट करना चाहिए।
फेसवॉश बदलना :
जबकि हम अपनी त्वचा के अनुकूल फेसवॉश का उपयोग करना पसंद करते हैं और हम वर्षों तक उसी पर निर्भर रहते हैं। एक ही घटक के साथ लंबे समय तक फेसवॉश का उपयोग करने से कई समस्याएं हो सकती हैं। मानसून के दौरान एक ही फेसवॉश का इस्तेमाल करने से त्वचा की नमी खत्म हो सकती है, जिससे त्वचा रूखी हो जाती है। फेसवॉश को मौसम के हिसाब से बदलना चाहिए।